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भगतसिंह (1923) कुलबीर के नाम अन्तिम पत्र

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कुलबीर के नाम अन्तिम पत्र लाहौर सेण्ट्रल जेल, 3 मार्च, 1931 प्रिय कुलबीर सिंह, तुमने मेरे लिए बहुत कुछ किया। मुलाक़ात के वक़्त ख़त के जवाब में कुछ लिख देने के लिए कहा। कुछ अल्फाज़ (शब्द) लिख दूँ, बस- देखो, मैंने किसी के लिए कुछ न किया, तुम्हारे लिए भी कुछ नहीं। आजकल बिलकुल मुसीबत में छोड़कर जा रहा हूँ। तुम्हारी जिन्दगी का क्या होगा? गुजारा कैसे करोगे? यही सब सोचकर काँप जाता हूँ, मगर भाई हौसला रखना, मुसीबत में भी कभी मत घबराना। इसके सिवा और क्या कह सकता हूँ। अमेरिका जा सकते तो बहुत अच्छा होता, ...

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भगत सिंह
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Banty kumar
    21 दिसम्बर 2018
    is Bharat desh me bhagat Singh jaise bete ne na Kabhi janm liya tha na hi Kabhi lega. Naman us veer ko
  • author
    Hariom rai
    21 जुलाई 2017
    उन्हें भी पता हो गया था की इंसान कितना लालची और बेसरम प्राणी है आपको नमन दिल से दिल तक --- क्रेजी राइटर
  • author
    Deepak Malpuriya "अदम्य"
    25 अक्टूबर 2018
    भगत सिंह एक क्रांति थे, आज के युवाओं में इसका अभाव है। नमन उस वीर सपूत को
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    Banty kumar
    21 दिसम्बर 2018
    is Bharat desh me bhagat Singh jaise bete ne na Kabhi janm liya tha na hi Kabhi lega. Naman us veer ko
  • author
    Hariom rai
    21 जुलाई 2017
    उन्हें भी पता हो गया था की इंसान कितना लालची और बेसरम प्राणी है आपको नमन दिल से दिल तक --- क्रेजी राइटर
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    Deepak Malpuriya "अदम्य"
    25 अक्टूबर 2018
    भगत सिंह एक क्रांति थे, आज के युवाओं में इसका अभाव है। नमन उस वीर सपूत को