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लड़ाकू प्रेमिका

4.2
16708

एक जमाना था जब हमारी माता जी हमको तैयार करके स्कूल भेजा करती थीं.. लगभग 150 ग्राम सरसों का तेल हमारे बालों में इस कदर चुपड़ा जाता था कि अगर तूफ़ान भी आ जाये तो एक बाल ना बिखरा पाए हमारा.. फिर जब ...

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लेखक के बारे में
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सौरभ सोनी

हमारे बारे में छोड़िए.. जानकर भी क्या करेंगे, छोटा आदमी हूँ साहब, लंबा-चौड़ा बायो नहीं है लिखने के लिए.. हाँ, इतना जरूर कहूँगा कि आप मेरे प्रोफाइल पे कहानियां पढ़ने आये हैं, शौक से पढ़िए, अच्छी-बुरी जैसी भी लगें, उस बारे में कमेंट करके अपने अनुभव को भी सांझा कीजिये.. इससे मुझे प्रोत्साहन मिलेगा और कमियों को दूर करने के लिए सुझाव भी.. लेकिन गलती से भी ये "स्टीकर या सिक्कों की भीख" मत दीजिए, लेखन मेरा शौक है, कमाई का जरिया नहीं.. इसलिए सिक्के देकर मनोबल ना गिराएं.. बल्कि कमेंट में अपनी राय देकर प्रोत्साहित करें...!!! धन्यवादम...!!!

समीक्षा
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  • author
    Anju Anant
    25 फ़रवरी 2018
    Kahani likhne ka tarika bahut hi achha hai. Maja aa jata hai padh ke... Keep it up
  • author
    Ankit Maharshi
    16 मई 2019
    वाह भाई वाह, कतई पेला है ,, बहुत ही टोपा आदमी हो😂😂
  • author
    Sumeet Singh
    08 नवम्बर 2018
    oho. ishq ki maa ka.... boxer chda dege saale pe.
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    Anju Anant
    25 फ़रवरी 2018
    Kahani likhne ka tarika bahut hi achha hai. Maja aa jata hai padh ke... Keep it up
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    Ankit Maharshi
    16 मई 2019
    वाह भाई वाह, कतई पेला है ,, बहुत ही टोपा आदमी हो😂😂
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    Sumeet Singh
    08 नवम्बर 2018
    oho. ishq ki maa ka.... boxer chda dege saale pe.