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"बहता नल"

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कभी सादा, कभी शीतल, कोई संतुष्ट, कोई व्याकुल, तृष्णा खत्म, गये फिर निकल, ना किया किसी ने बंद नल, कभी झर झर झरना, कभी बूंद बूंद रिसना, कभी प्यास मिटाना, तो कभी प्यास बढ़ाना, प्यास का न कोई इसके ...

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लेखक के बारे में

नौकरी तो जिम्मेदारियों के लिये करते हैं, शौक तो आज भी लिखना ही है। पत्रकारिता में परास्नातक। उत्तर प्रदेश पुलिस में कार्यरत, सार्थक लेखन के लिए हमेशा जुझारू, दो पुस्तकें प्रकाशित 1) उर वाणी–पवार काव्य संकलन 2)ख्यालों का आसमान–कहानियां कुछ अपनी सी प्रतिलिपि पर कई प्रतियोगिताओं में पुरुष्कृत। कई समाचार पत्रों, मैगजीन, किताबों और ऑनलाइन पत्रिकाओं में रचनाएं चयनित और सम्मानित।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    12 जून 2020
    That's why they say .. Water is life .. Save water . Very well sumit... .
  • author
    Anita Yadav
    12 जून 2020
    बहुत ही सुंदर लिखा है आपने
  • author
    Sarika sharma "Anju"
    12 जून 2020
    बहुत सही सन्देश दिया है भाई
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    12 जून 2020
    That's why they say .. Water is life .. Save water . Very well sumit... .
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    Anita Yadav
    12 जून 2020
    बहुत ही सुंदर लिखा है आपने
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    Sarika sharma "Anju"
    12 जून 2020
    बहुत सही सन्देश दिया है भाई