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बेहया इश्क..

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बेहया होता हे वो इश्क, जो जिस्म से शुरू होता है.. बुलंद तो वही इश्क हे, जो रूह से शुरू और रूह पे खत्म हो...! ...

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लेखक के बारे में
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Shahbaz Patvegar

Being Artist _ 📸✒️🎭

समीक्षा
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  • author
    संतोष नायक
    05 अक्टूबर 2019
    'रुह से शुरु....रुह पे खत़म'।बहुत खूब लिखा है आपने।
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    संतोष नायक
    05 अक्टूबर 2019
    'रुह से शुरु....रुह पे खत़म'।बहुत खूब लिखा है आपने।