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बेगैरत

4.4
3318

किटी पार्टी से लौटते हुए आज नीलम को काफी देर हो गई थी। घर पहुंची तो उसका मूड बहुत ऑफ था। सीधी अपने कमरे में आई,चिल्लाकर कहा ,उमा दो कप चाय ऊपर ही ले आ। और मनु सो गया क्या? जी भाभी, मनु को सुला ...

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लेखक के बारे में
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रश्मि सिन्हा

मैं रश्मि सिन्हा, लेखिका कह सकते हैं, लेखन की शुरुआत फेस बुक से ही, विभिन्न समूहों से जुड़, कविता , कहानी लेख आदि लिखे, अब फेस बुक पर ही अपने एक ग्रुप के संचालन में व्यस्त। 3 सांझ संकलन, 2 स्वयं की पुस्तकें प्रकाशित , अनगढ़, और उद्गार। अब तक विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित, ऑन लाइन और ऑफ लाइन पर लेखन महज एक शौक ,आत्म संतुष्टि का माध्यम , व्यवसाय नही👍 अब अपनी कहानियां और कविताएं और बातें😊 लेकर यूट्यूब चैनल में भी हाजिर कृपया देखे Rashmi sinha kadam dar kadam

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    सीमा सिंह
    13 अप्रैल 2017
    वाह! दूसरे के घर की आग देखने में इतने मशगूल हैं कि अपने घर से निकलता धुंआ नज़र नही आ रहा।
  • author
    r.goldenink
    13 मार्च 2019
    dekhiye na...aurete aadmi ka auhda aur uska ster dekhti hai ...lekin puresh ke liye stri deh matre hai...ster mayne hi nahi rakhta....👌👌
  • author
    Samta Parmeshwar
    18 सितम्बर 2018
    उम्दा अभिव्यक्ति है। किसको कहे सब तो एक-जैसे हैं क्या सांप नाथ,क्या नाग नाथ।
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    सीमा सिंह
    13 अप्रैल 2017
    वाह! दूसरे के घर की आग देखने में इतने मशगूल हैं कि अपने घर से निकलता धुंआ नज़र नही आ रहा।
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    r.goldenink
    13 मार्च 2019
    dekhiye na...aurete aadmi ka auhda aur uska ster dekhti hai ...lekin puresh ke liye stri deh matre hai...ster mayne hi nahi rakhta....👌👌
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    Samta Parmeshwar
    18 सितम्बर 2018
    उम्दा अभिव्यक्ति है। किसको कहे सब तो एक-जैसे हैं क्या सांप नाथ,क्या नाग नाथ।