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बिन पंखो की उड़ान

4.3
1856

आधी उम्र निकल गई लोगों को और रिश्तों को समझ पाने में,आधी और निकल जाएगी अपने बच्चों को आगह करने में ।रिचा ने एक बड़ी सी सांस ली। आज उसे सकून था कि उसने अपने बच्चों को अपने बल पर इस लायक बना दिया है ...

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लेखक के बारे में
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Ritu Bawa

कभी लिखा और कभी मिटा दिया और कभी बन गई कहानी

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Naval Kishor
    25 अप्रैल 2021
    छुटकी का अपना कर्तव्य बोध
  • author
    Sarita 2 Godbole
    20 मई 2021
    जहा चाह वहां राह
  • author
    Bosky Sharma
    24 अप्रैल 2021
    बहुत अच्छी रचना है
  • author
    आपकी रेटिंग

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  • author
    Naval Kishor
    25 अप्रैल 2021
    छुटकी का अपना कर्तव्य बोध
  • author
    Sarita 2 Godbole
    20 मई 2021
    जहा चाह वहां राह
  • author
    Bosky Sharma
    24 अप्रैल 2021
    बहुत अच्छी रचना है