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बावरे मन का भ्रम

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//🌹🌹बावरे मन का भ्रम🌹🌹// जब दुनिया पैसों पर जान छिड़कती है, तो क्यों मैं परिवार संग जीना चाहती हूँ? किसी को दर्द में देखकर क्यों तड़पती हूँ? देख किसी मृत को क्यों नहीं अश्रु बहाती हूँ? जब मेरे ...

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लेखक के बारे में
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Uma Sindhuja

मेरे शब्दों से मुझे आँकना नहीं, मैंने खुद को कभी लिखा नहीं।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Aman Khan
    13 जून 2020
    आपके सवालों का जवाब तो नहीं है हमारे पास पर आपकी रचनाओं की तारीफ के लिए कुछ अल्फाज जरूर है बहुत सुंदर लिखा है आपने👌👌👌👌👌
  • author
    Happy {vani} Rajput
    14 जून 2020
    बहुत खूब 👌👌 इस पर भी राय दें "लाकडाउन में बावरा मन", को प्रतिलिपि पर पढ़ें : https://hindi.pratilipi.com/story/लाकडाउन-में-बावरा-मन-zmcuij05bq35?utm_source=android
  • author
    LALBIHARI01
    27 सितम्बर 2020
    ये बहुत अच्छी बात है कि आप महादेव से प्रेम करते हैं.. आपको अध्यात्मिक बात ज्यादा अच्छा लगता है शायद इसलिए
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  • author
    Aman Khan
    13 जून 2020
    आपके सवालों का जवाब तो नहीं है हमारे पास पर आपकी रचनाओं की तारीफ के लिए कुछ अल्फाज जरूर है बहुत सुंदर लिखा है आपने👌👌👌👌👌
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    Happy {vani} Rajput
    14 जून 2020
    बहुत खूब 👌👌 इस पर भी राय दें "लाकडाउन में बावरा मन", को प्रतिलिपि पर पढ़ें : https://hindi.pratilipi.com/story/लाकडाउन-में-बावरा-मन-zmcuij05bq35?utm_source=android
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    LALBIHARI01
    27 सितम्बर 2020
    ये बहुत अच्छी बात है कि आप महादेव से प्रेम करते हैं.. आपको अध्यात्मिक बात ज्यादा अच्छा लगता है शायद इसलिए