बावरा सा मन ये मेरा ना जाने किस ओर चला देख रहा है,बस ये उसको जो है, इससे दूर खड़ा ना समझ रहा ये मुझको ना ही मेरी सुनता है बस एक अंजान, के ही ख्वाब अकसर ही ये बुनता है ना जाने कैसी ये जिद लेकर ...
बहुत खूब 👌👌
इस पर भी राय दें
"लाकडाउन में बावरा मन", को प्रतिलिपि पर पढ़ें :
https://hindi.pratilipi.com/story/%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A4%A1%E0%A4%BE%E0%A4%89%E0%A4%A8-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%BE-%E0%A4%AE%E0%A4%A8-zmcuij05bq35?utm_source=android&utm_campaign=content_share
भारतीय भाषाओमें अनगिनत रचनाएं पढ़ें, लिखें और सुनें, बिलकुल निःशुल्क!
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
बहुत खूब 👌👌
इस पर भी राय दें
"लाकडाउन में बावरा मन", को प्रतिलिपि पर पढ़ें :
https://hindi.pratilipi.com/story/%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A4%A1%E0%A4%BE%E0%A4%89%E0%A4%A8-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%BE-%E0%A4%AE%E0%A4%A8-zmcuij05bq35?utm_source=android&utm_campaign=content_share
भारतीय भाषाओमें अनगिनत रचनाएं पढ़ें, लिखें और सुनें, बिलकुल निःशुल्क!
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या