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बसंत ऋतु

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कैसी है मेरी जिन्दगी में ये तन्हाई इस वसंत ऋतु ने भी की बेवफाई है अनोखा रिश्ता प्रेम और बसंत का होती रंगो की धूम और पेड़ो पे नई कोपलो को गूंज फिर क्यों मेरे प्रेम ने मुझसे मुख मोड़ा है बसंत ऋतु ...

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लेखक के बारे में
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N Chow

आसानी से टूट जाऊ मैं वो इंसान थोड़ी हूं सबको पसंद आ जाऊ भगवान थोड़ी हू Good मतलब ठीक ठाक रचना लगी Nice मतलब अच्छी रचना लगी बहुत खूब मतलब पसंद आई 🌹 मतलब थोड़ी ज्यादा अच्छी मेरे से कहानी पढ़ने की उम्मीद ना रखे यदि कहानी पढ़वाने के लिए फोलो किया है तो तुरन्त unfolo कर दे

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Madhavi Nitin
    21 मार्च 2022
    very very very very very very very very very very very very very very very very very nice
  • author
    🌹Ďěvjěěţ🌹
    20 मार्च 2022
    बहुत सुन्दर लिखा आपने बसंत ऋतु में पतझड़ बना कर छोड़ा है सराहनीय रचना
  • author
    Rajesh shekhawat "Raj✍️"
    20 मार्च 2022
    बहुत अच्छा लिखा ,,,,, वसंत ऋतु के आज के विषय पर💐🙏
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    Madhavi Nitin
    21 मार्च 2022
    very very very very very very very very very very very very very very very very very nice
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    🌹Ďěvjěěţ🌹
    20 मार्च 2022
    बहुत सुन्दर लिखा आपने बसंत ऋतु में पतझड़ बना कर छोड़ा है सराहनीय रचना
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    Rajesh shekhawat "Raj✍️"
    20 मार्च 2022
    बहुत अच्छा लिखा ,,,,, वसंत ऋतु के आज के विषय पर💐🙏