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बसंत

4.3
28

आया है ऋतुराज धरा पर, जीवन का उत्साह लिए, नवयौवना सी सज गई धरा भी फूलों से सोलह सिंगार किए बसंत खड़ा है द्वार पर ऋतु परिवर्तन का उपहार लिए धरती ने भी शरमाकर कर प्रणय निवेदन स्वीकार किए पीले-पीले ...

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    Shail Srivastava
    10 जून 2020
    nicely written and healthy thinking
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    Shail Srivastava
    10 जून 2020
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