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बस इतना है तुमसे कहना………

4.6
8751

सुनो तुम.. सम्बोधन नहीं देंगे. क्या है कि नाम नहीं ले सकते तुम्हारा.. कुछ तो हम इतना फन्ने खाँ की परनानी नहीं हैं कि तुम्हारा नाम लें, कुछ तुम्हारे नाराज़ हो जाने का डर भी है..और कुछ अंडरवर्ल्ड ...

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लेखक के बारे में

शिक्षा: एम.ए. (इतिहास) सम्प्रति: सहायक अध्यापक (बेसिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश) ©सर्वाधिकार सुरक्षित

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    शिखा स्वर्णिमा
    07 अक्टूबर 2018
    wow ..मज़ा आ गया पढ़ कर ।मन की भावों को व्यक्त करती एक बेहतरीन रचना ।और इसकी गवई शैली इस कहानी को और भी आकर्षक बना रही है
  • author
    Shubhra Singh
    19 अगस्त 2018
    love it
  • author
    Jsk Mann
    24 मार्च 2018
    बहुत सुन्दर
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    शिखा स्वर्णिमा
    07 अक्टूबर 2018
    wow ..मज़ा आ गया पढ़ कर ।मन की भावों को व्यक्त करती एक बेहतरीन रचना ।और इसकी गवई शैली इस कहानी को और भी आकर्षक बना रही है
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    Shubhra Singh
    19 अगस्त 2018
    love it
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    Jsk Mann
    24 मार्च 2018
    बहुत सुन्दर