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बस एक गुजारिश

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<p>... सुनो,</p> <p>- याद है वो लम्हा जब हम दोनों के दरमियाँ एक रिश्ता पला था, एक दूसरे को देखे बगैर उन्वान मोहब्बत लिए दिल की नज़्म पिरोई थी।&nbsp;<br /> हमारे इश्क का जिस्म से कोई वाबस्ता नहीं ...

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लेखक के बारे में

&#39;&#39;मैं लफ्ज़ों के जज़ीरे का शहज़ादा हूं...&#39;&#39;

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Prince Armaan
    19 नवम्बर 2016
    बहुत खूबसूरत मीत भाई.. हम आपके लेख के दीवाने है ..माफ़ी चाहेंगे पर कई बार आपका लेख कॉपी कर के लड़कियों को इम्प्रेस कर देते है .. छोटा भाई समझ कर माफ़ कीजियेगा ..एकबार फिर बहुत बहुत शुक्रिया और बधाई इतनी अच्छी रचनाये पोस्ट करने के लिए .. :)
  • author
    BHUSHAN KHARE
    07 मई 2018
    लेखनी का प्रयास निश्चित रूप से सराहनीय है.
  • author
    Sonam sharma
    13 नवम्बर 2019
    😇😇😇😇😇
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  • author
    Prince Armaan
    19 नवम्बर 2016
    बहुत खूबसूरत मीत भाई.. हम आपके लेख के दीवाने है ..माफ़ी चाहेंगे पर कई बार आपका लेख कॉपी कर के लड़कियों को इम्प्रेस कर देते है .. छोटा भाई समझ कर माफ़ कीजियेगा ..एकबार फिर बहुत बहुत शुक्रिया और बधाई इतनी अच्छी रचनाये पोस्ट करने के लिए .. :)
  • author
    BHUSHAN KHARE
    07 मई 2018
    लेखनी का प्रयास निश्चित रूप से सराहनीय है.
  • author
    Sonam sharma
    13 नवम्बर 2019
    😇😇😇😇😇