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बरसात ने भी फिदरत बदला

4.9
15

वक्त के साथ बरसात ने भी फिदरत बदला है अब ये पानी नहीं, तबाही और मौत बरसाती है। पहले बादलों के चमकने से बढ़ जाती थी धड़कने अब बादल कहर बरपाती है, तबाही-मौत लाती है। ( इस बरसात में अभी तक सिर्फ बिहार ...

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लेखक के बारे में
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जितेंद्र जीत

मैं एक पत्रकार हूं। बचपन से ही पढ़ने और लिखने का शौक रहा है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Neetu Khanna
    05 जुलाई 2022
    सही कहा आपने सत प्रतिशत सत्य लिखा है अति सुन्दर विचार 👌👌👌👌👌👌👏👏
  • author
    Anita Yadav
    05 जुलाई 2022
    बिलकुल सही कहा आपने ये एक हकीकत है👏👏👌👌
  • author
    05 जुलाई 2022
    ghatK ho gya hai har mosam 👌
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    Neetu Khanna
    05 जुलाई 2022
    सही कहा आपने सत प्रतिशत सत्य लिखा है अति सुन्दर विचार 👌👌👌👌👌👌👏👏
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    Anita Yadav
    05 जुलाई 2022
    बिलकुल सही कहा आपने ये एक हकीकत है👏👏👌👌
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    05 जुलाई 2022
    ghatK ho gya hai har mosam 👌