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बारिश का बचपन से नाता

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बारिश का बचपन से नाता अब उठ जाओ बेटा, कब तक सोते रहोगे! देखो सुबह से कितनी जोरदार बारिश हो रही है। मां ने अपने बेटे को उठाते हुए कहा। अचानक से राजेश की आंखें खुली तो वह बिलबिला कर उठ गया, और उसकी ...

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लेखक के बारे में
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Sameer Khan

कवि / लेखक

समीक्षा
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  • author
    16 जुलाई 2020
    shandaar prastuti sir meri bhi rachanayen psh liya kijiye aaj ki rachna pdhiye
  • author
    Navneet Gill
    16 जुलाई 2020
    बहुत ही सुंदर प्रस्तुति है आपकी सर । बचपन के दिन काश कभी लौट कर आ पाते। लेकिन ऐसा कभी नहीं हो पाता। बहरहाल आप ने बहुत ही सुंदर शब्दों में अपने विचार व्यक्त किये हैं।👌🏻👍🏻😊
  • author
    Poonam Kaparwan pikku
    16 जुलाई 2020
    आप कहानी लिख सकते है ।यह कहानी बहुत ही शानदार और मर्मस्पर्शी लगा ।पाठकवर्ग को ऐसा रचनाओं को पढना चाहिये ।सुंदर भाव
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    16 जुलाई 2020
    shandaar prastuti sir meri bhi rachanayen psh liya kijiye aaj ki rachna pdhiye
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    Navneet Gill
    16 जुलाई 2020
    बहुत ही सुंदर प्रस्तुति है आपकी सर । बचपन के दिन काश कभी लौट कर आ पाते। लेकिन ऐसा कभी नहीं हो पाता। बहरहाल आप ने बहुत ही सुंदर शब्दों में अपने विचार व्यक्त किये हैं।👌🏻👍🏻😊
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    Poonam Kaparwan pikku
    16 जुलाई 2020
    आप कहानी लिख सकते है ।यह कहानी बहुत ही शानदार और मर्मस्पर्शी लगा ।पाठकवर्ग को ऐसा रचनाओं को पढना चाहिये ।सुंदर भाव