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बर्फ की सिल

3.9
17087

मेरे बगल मंे लेटी हुई औरत के बदन पर तार भी नहीं था उसके जिस्म की गर्माहट में झुलसते हुए तमाम वक्त मेरे हाथों से फिसल चुका था, आज उसका वही बदन किसी बर्फ की सिल की तरह ठंडा लग रहा था। एहसास हो रहा था, ...

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समीक्षा
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  • author
    Geeta Lohan
    31 ഡിസംബര്‍ 2020
    नायाब रचना, औरत को पूछना भी जरूरी नहीं, ये बर्फ यही से जमी। बाकी गहने तो मुश्किल में काम आ ही रहे थे ।
  • author
    Rachna Goel
    30 ആഗസ്റ്റ്‌ 2019
    very beautiful story. औरत अपना मन मार कर सारे घर की जरुरते पूरी करती है,लेकिन उस के मन को कोई नही समझता।
  • author
    rajesh
    28 മെയ്‌ 2021
    किसी भी औरत का पति के बाद दूसरा कुछ मान अभिमान और गौरव, उनकी शादी के जोड़े और गहने होते हैं। शादी के गहनों का बिक जाना उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने तथा अंतर आत्मा को झकझोर देने के बराबर होता है। ऐसे में सरला का अवाक हो जाना या बेसुध हो जाना लाजिमी है। इस परिस्थिति में अन्दर से एकदम टूट जाती है। द्रवित कहानी है Tregdy story
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    Geeta Lohan
    31 ഡിസംബര്‍ 2020
    नायाब रचना, औरत को पूछना भी जरूरी नहीं, ये बर्फ यही से जमी। बाकी गहने तो मुश्किल में काम आ ही रहे थे ।
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    Rachna Goel
    30 ആഗസ്റ്റ്‌ 2019
    very beautiful story. औरत अपना मन मार कर सारे घर की जरुरते पूरी करती है,लेकिन उस के मन को कोई नही समझता।
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    rajesh
    28 മെയ്‌ 2021
    किसी भी औरत का पति के बाद दूसरा कुछ मान अभिमान और गौरव, उनकी शादी के जोड़े और गहने होते हैं। शादी के गहनों का बिक जाना उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने तथा अंतर आत्मा को झकझोर देने के बराबर होता है। ऐसे में सरला का अवाक हो जाना या बेसुध हो जाना लाजिमी है। इस परिस्थिति में अन्दर से एकदम टूट जाती है। द्रवित कहानी है Tregdy story