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बराबरी

4.4
199

क्यों बराबरी करना चाहती हूं मैं तुमसे हर पल हर क्षण खड़े हो जाओगे जब आगे आकर एक दिन छीन लोगे वो सब तुमने जो प्यार से दिया है क्योंकि बराबर का हिस्सा तो बराबर वालों के साथ ही किया जाता है खो ...

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लेखक के बारे में
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स्वाति गौतम

लिखना मेरे लिए एक एहसास है जिस पल लिखती हूं तो सबसे ज्यादा खुश होती हूं

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Naveen Pawar
    22 जनवरी 2022
    आदरणीया महोदया जी आपकी कवितावली बहुत खुबसुरत होती है उपयुक्तता लफ्ज दिल की गहराई मे अमिट छाप छोड जाते है
  • author
    Praveen Rajput "Niruttar"
    20 जून 2022
    sundar shayad aap beeti
  • author
    Sanjukta Pandey
    30 अगस्त 2018
    बहुत अच्छी रचना💐💐
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  • author
    Naveen Pawar
    22 जनवरी 2022
    आदरणीया महोदया जी आपकी कवितावली बहुत खुबसुरत होती है उपयुक्तता लफ्ज दिल की गहराई मे अमिट छाप छोड जाते है
  • author
    Praveen Rajput "Niruttar"
    20 जून 2022
    sundar shayad aap beeti
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    Sanjukta Pandey
    30 अगस्त 2018
    बहुत अच्छी रचना💐💐