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बंद खिड़की खुल गई

4.2
8543

उस रोज़ सूरज ने दिन को अलविदा कहा और निकल पड़ा बेफिक्री की राह पर! इधर वह बड़ी तेज़ी से भाग रही थी, इस उम्मीद में कि इस सड़क पर हर अगला कदम उसके घर की दहलीज़ के कुछ और करीब ले जाएगा! तेज़ बहुत तेज़, ...

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लेखक के बारे में
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अंजू शर्मा

नाम : अंजू शर्मा पता : दिल्ली ईमेल : [email protected] परिचय : दिल्ली में जन्म और रिहाइश, मूलतः राजस्थान से! स्वतंत्र लेखन! प्रकाशन : पिछले कई वर्षों से सभी प्रतीक्षित पत्र-पत्रिकाओं और ब्लोग्स में वर्षों से कविताओं, कहानियों, लेखों, रिपोर्टों का प्रकाशन! 30 से अधिक कहानियां प्रकाशित। अनुवाद : पंजाबी, उर्दू, गुजराती, मराठी, राजस्थानी, भोजपुरी, नेपाली, उडिया आदि भाषाओँ में कविताओं का अनुवाद! परिकथा में 2015 में प्रकाशित कहानी 'आज शाम है बहुत उदास' पंजाबी और उर्दू में अनूदित हुई! जनसत्ता में 2016 प्रकाशित कहानी 'पत्ता टूटा डाल से' के पंजाबी अनुवाद की अनुमति ली गई। पहली कहानी 'गली नंबर दो' का Norwich Writers Centre में अनुवाद लेखकों के लिए अंग्रेजी में अनूदित अंश का शोकेस बुकलेट के तौर पर प्रस्तुतिकरण। संवेदन में 2016 में प्रकाशित कहानी ‘छत वाला कमरा और इश्क़ वाला लव’ का प्रतिलिपि के "ट्रांसलेशन चैलेन्ज प्रोजेक्ट” के अंतर्गत गुजराती और तमिल भाषाओँ में अनुवाद के लिए चयन! पुरस्कृत कहानियां : कहानी 'समयरेखा' स्टोरीमिरर से पुरस्कृत। कहानी 'बन्द खिड़की खुल गई' प्रतिलिपि द्वारा आलोचक द्वारा चुनी गई कहानियों में शामिल। कहानी “रात के हमसफ़र’ जयपुर में कलमकार सम्मान 2018 के सांत्वना पुरस्कार के लिए चुनी गई! कविता 'बेटी के लिए' चीन के 'क्वांगचो हिंदी विश्वविद्यालय, क्वांगचो, चीन' में स्नातक स्तर के पाठकों के लिए पाठ्यक्रम में पढाई जा रही है! पुस्तकें: दो कविता संग्रह, तीन कहानी संग्रह और दो।लघु उपन्यास प्रकाशित पुरस्कार *'इला त्रिवेणी सम्मान 2012' से सम्मानित। *'राजीव गाँधी एक्सीलेंस अवार्ड 2013' से सम्मानित *स्त्री शक्ति सम्मान 2014 से सम्मानित *कविता संग्रह 'कल्पनाओं से परे का समय' के लिए 2015 में 'राजेन्द्र बोहरा कविता पुरस्कार 2014' द्वारा जयपुर में सम्मानित

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Archana Tyagi
    14 फ़रवरी 2017
    बहुत बढ़िया लेखनी
  • author
    रमाकान्त राठौर
    23 अगस्त 2020
    बहुत खूब । कहानी बहुत अच्छी लगी । हर व्यक्ति का सोचने का नजरिया अलग अलग होता है ।और सभी व्यक्ति एक समान भी नहीं होते है ।
  • author
    Krishna Kumar Dubey
    10 सितम्बर 2020
    कहानी मे तत्सम तद्भव देशज विदेशज शब्द के मिश्रण से भाषा सरल और सहज है ।
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    Archana Tyagi
    14 फ़रवरी 2017
    बहुत बढ़िया लेखनी
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    रमाकान्त राठौर
    23 अगस्त 2020
    बहुत खूब । कहानी बहुत अच्छी लगी । हर व्यक्ति का सोचने का नजरिया अलग अलग होता है ।और सभी व्यक्ति एक समान भी नहीं होते है ।
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    Krishna Kumar Dubey
    10 सितम्बर 2020
    कहानी मे तत्सम तद्भव देशज विदेशज शब्द के मिश्रण से भाषा सरल और सहज है ।