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बन्द गली का आखिरी मकान

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'झूला तो पङ गयो अमुवा की डारि पे' इस सावन के गीत की आवाज बन्द गली के आखिरी मकान से आ रही थी, जिसे दो किशोर मकान के नीचे खङे होकर बहुत ध्यानपूर्वक सुन रहे थे|   यह गीत उन किशोरों के हृदय में तरंगें ...

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लेखक के बारे में
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Swåßhímåñ Sîñgh

स्वतन्त्र कवि/लेखक करूण व श्रृंगार रस ❤

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Arun Bavariya
    07 फ़रवरी 2020
    bahut achhi kahani hai
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    Arun Bavariya
    07 फ़रवरी 2020
    bahut achhi kahani hai