बंद दरवाजा हुआ करता था ....कभी आजकल खुलने लगा है ..... ये तो पीछे का दरवाजा था ..... आजकल यहीं से आना जाना होने लगा है..... सुबह सवेरे पानी से धुलने लगा है .......और उनकी गाड़ियाँ अब यहीं से ...
दीपाली माथुर......🌷🌹M.A. Topper (political Science)
अक्सर उन शब्दों का अकाल पड़ जाता है...
जिनसे लोग खुश रहें.....
कहाँ ढूंढने निकलें इन्हें............?
हमारे शब्दों की चुभन बर्दाश्त कर पाना हर किसी के
बूते की बात नही............
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सारांश
दीपाली माथुर......🌷🌹M.A. Topper (political Science)
अक्सर उन शब्दों का अकाल पड़ जाता है...
जिनसे लोग खुश रहें.....
कहाँ ढूंढने निकलें इन्हें............?
हमारे शब्दों की चुभन बर्दाश्त कर पाना हर किसी के
बूते की बात नही............
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