बलिदान दिवस शूरवीर बलिदानियों के बल पर , मिली हमें आजादी है । शौर्य उनका शिरोधार्य ,चरणों में उनके शीश नवाते हैं।। अखण्ड साहस की यह लाॅ,कभी न बुझने देंगें। देशभक्तों के बलिदान को, ...
मैं कोई लेखक नहीं हूँ मैं तो भावों को जीती हूँ।और जो भाव मन को छूले उसे कागज पर उकेर देती हूँँ। शब्द मेरे ख्वाब हैं जो तितलियों की भाँति मेरे चारों ओर हमेशा मंड़राते रहते हैं ।जब-जब मन प्रफुल्लित या उद्वेलित होता है तो कलम चल पड़ती है ।हाथ बढ़ाकर अक्षरो को बटोर शब्दों का गुलदस्ता बनाकर कागज रूपी गुलिस्तां में सजा देती हूँ।
सारांश
मैं कोई लेखक नहीं हूँ मैं तो भावों को जीती हूँ।और जो भाव मन को छूले उसे कागज पर उकेर देती हूँँ। शब्द मेरे ख्वाब हैं जो तितलियों की भाँति मेरे चारों ओर हमेशा मंड़राते रहते हैं ।जब-जब मन प्रफुल्लित या उद्वेलित होता है तो कलम चल पड़ती है ।हाथ बढ़ाकर अक्षरो को बटोर शब्दों का गुलदस्ता बनाकर कागज रूपी गुलिस्तां में सजा देती हूँ।
रिपोर्ट की समस्या
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