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बलत्कार आजकल का सबसे बड़ा अपराध

4.9
131

मैंने किसी की भावनाओं ठेस नहीं पहुंचाना है अगर कोई गलती हो तो माफ कर दीजिएगा मैंने बस अपनी बात रखी है

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लेखक के बारे में
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Mansi Tibrewal
समीक्षा
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    28 জুন 2019
    सपनो की दुनिया मे जिने वाले बहोत देखे है मैने पर असली जिंदगी में दो हात करनेवाली झान्सी आज देखी. आपणे जो किया वो बेहद शौर्य भरा काम है. समाज के कुछ गंदे सोच वाले लोगों की वजह से ऐसे औरते घुट घुट कर जिती है । लेकीं आपने साबीत किया की स्त्री कोई खेल का सामान नाही है. वो चाहे तो नरक को स्वर्ग और स्वर्ग को नर्क बना सक्ती है । आपकी जितनी तारीफ की जाय वो कम है ।
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    OM PRAKASH "OMG"
    28 জুন 2019
    जो लिखा वो बहुत ही उम्दा अगर आपकी इस लेखनी से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो पहुँचने दीजिए इंसान को तो ठेस पहुँचेगी नहीं, जिसको पहुंचती है वो इंसान नहीं, वासना का गुलाम दरिन्दा है । आपने जो कार्य किया है, वो बहुत ही प्रेरणादायक है । आगे भी आपसे यही उम्मीद रहेगी
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    सरोज वर्मा "कमल"
    28 জুন 2019
    बहुत ही बहादुर है आप, बहुत ही नेक काम किया आपने!!
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    28 জুন 2019
    सपनो की दुनिया मे जिने वाले बहोत देखे है मैने पर असली जिंदगी में दो हात करनेवाली झान्सी आज देखी. आपणे जो किया वो बेहद शौर्य भरा काम है. समाज के कुछ गंदे सोच वाले लोगों की वजह से ऐसे औरते घुट घुट कर जिती है । लेकीं आपने साबीत किया की स्त्री कोई खेल का सामान नाही है. वो चाहे तो नरक को स्वर्ग और स्वर्ग को नर्क बना सक्ती है । आपकी जितनी तारीफ की जाय वो कम है ।
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    OM PRAKASH "OMG"
    28 জুন 2019
    जो लिखा वो बहुत ही उम्दा अगर आपकी इस लेखनी से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो पहुँचने दीजिए इंसान को तो ठेस पहुँचेगी नहीं, जिसको पहुंचती है वो इंसान नहीं, वासना का गुलाम दरिन्दा है । आपने जो कार्य किया है, वो बहुत ही प्रेरणादायक है । आगे भी आपसे यही उम्मीद रहेगी
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    सरोज वर्मा "कमल"
    28 জুন 2019
    बहुत ही बहादुर है आप, बहुत ही नेक काम किया आपने!!