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बहू और बेटी

4.4
52983

विदा होते समय बस एक यही आवाज सुनाई दे रही थी भाई साब आप परेशान ना हो मुक्ति को हम बहू नहीं बेटी बनाकर ले जा रहे हैं! धीरे धीरे सुबह हुई और गाडी एक सजे हुए घर क सामने जा रुकी और जोर से आवाज आई! “जल्दी ...

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लेखक के बारे में
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नीतिका यादव
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Aayushi Saxena
    07 अक्टूबर 2018
    बिलकुल सच पता नही बेटियां बहु बन कर इतनी समझदार कब हो जाती है कि छोटी छोटी बात माँ से शेयर करने वाली बेटियां बड़ी बड़ी बात छुपाने लग जाती हैं।
  • author
    Sandhya Singh "Sheelu"
    26 अप्रैल 2017
    Sb bs khne ki baatein hoti h. bhu kabhi beti nhe bn skti pr apni beti sasural me bhi beti rhe aysi echha hr saas ki hoti h
  • author
    02 नवम्बर 2018
    हकीकत को आईना दिखाया है
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    Aayushi Saxena
    07 अक्टूबर 2018
    बिलकुल सच पता नही बेटियां बहु बन कर इतनी समझदार कब हो जाती है कि छोटी छोटी बात माँ से शेयर करने वाली बेटियां बड़ी बड़ी बात छुपाने लग जाती हैं।
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    Sandhya Singh "Sheelu"
    26 अप्रैल 2017
    Sb bs khne ki baatein hoti h. bhu kabhi beti nhe bn skti pr apni beti sasural me bhi beti rhe aysi echha hr saas ki hoti h
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    02 नवम्बर 2018
    हकीकत को आईना दिखाया है