तेरे संग बचपन के रंग, कभी हँसी, कभी थोड़े संग-झगड़े, माँ की डाँट से बचाने वाला, तेरे कंधे पर रोने वाला। राखी के धागे में बंधा विश्वास, सुख-दुःख में साथ निभाने का अहसास, तेरी हर मुस्कान मेरी जीत, ...
राखी के अवसर पर बहुत सुन्दर भाई और बहन के प्रेमकी रचना की हो। बहुत अच्छी प्रस्तुति है, मन मुग्ध कर दिया।यह सच है कि आपस में जितनी भी लड़ाइयां हो जाये भाई बहन कि प्यू बना रहता है। यह रक्षाबंधन का त्योहार उसी आनंद का एक रुप है।
बहुत अच्छी कविता लिख रही हो, हार्दिक शुभकामनाएं।
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राखी के अवसर पर बहुत सुन्दर भाई और बहन के प्रेमकी रचना की हो। बहुत अच्छी प्रस्तुति है, मन मुग्ध कर दिया।यह सच है कि आपस में जितनी भी लड़ाइयां हो जाये भाई बहन कि प्यू बना रहता है। यह रक्षाबंधन का त्योहार उसी आनंद का एक रुप है।
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