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बद्री सद्धंश तीर्थ न भूतो न भविष्यति।

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बहुनि संति तीर्थान दिविबासु भविष्यति। बद्री सद्धंश तीर्थन भूतो न भविष्यति। अर्थात स्वर्ग और धरती पर अनेकों तीर्थ है लेकिन कहा जाता है कि बदरीनाथ धाम जैसा तीर्थ न कभी भूत में ( अर्थात् पहले ) हुआ था ...

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लेखक के बारे में
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Madhulika Sinha

M.sc. L.L.B. हूँ ।शब्दों से खेलना पसंद करती हूँ । अतीत और वर्तमान के आईने को अनुभव के पत्थरों से तोड़ती और उन्ही किरचों को चुन उन्हें शब्दरूप देना मेरा परिचय है।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sunanda Aswal
    27 ઓગસ્ટ 2021
    बहुत ही सुन्दर कहानी बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम की । जितनी भी पढें कम ही लगती है । ऊं नमः शिवाय । जय केदार बाबा ।🙏🌺
  • author
    jayshankar prasad
    27 ઓગસ્ટ 2021
    बद्रीनाथ और केदारनाथ कीं जय बहुत सुन्दर कहानी के माध्यम से अच्छी जानकारी दी है आपने आदरणीया मैडम जी ।
  • author
    Pandey Jitendra "Jeet"
    28 ઓગસ્ટ 2021
    बहुत ही अद्भुत प्रसंग और प्रभावी लेखन 👌👌👌👌💐💐💐💐💐💐 जय बद्री नाथ- केदारनाथ 👏👏
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    Sunanda Aswal
    27 ઓગસ્ટ 2021
    बहुत ही सुन्दर कहानी बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम की । जितनी भी पढें कम ही लगती है । ऊं नमः शिवाय । जय केदार बाबा ।🙏🌺
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    jayshankar prasad
    27 ઓગસ્ટ 2021
    बद्रीनाथ और केदारनाथ कीं जय बहुत सुन्दर कहानी के माध्यम से अच्छी जानकारी दी है आपने आदरणीया मैडम जी ।
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    Pandey Jitendra "Jeet"
    28 ઓગસ્ટ 2021
    बहुत ही अद्भुत प्रसंग और प्रभावी लेखन 👌👌👌👌💐💐💐💐💐💐 जय बद्री नाथ- केदारनाथ 👏👏