बहुनि संति तीर्थान दिविबासु भविष्यति। बद्री सद्धंश तीर्थन भूतो न भविष्यति। अर्थात स्वर्ग और धरती पर अनेकों तीर्थ है लेकिन कहा जाता है कि बदरीनाथ धाम जैसा तीर्थ न कभी भूत में ( अर्थात् पहले ) हुआ था ...
M.sc. L.L.B. हूँ ।शब्दों से खेलना पसंद करती हूँ । अतीत और वर्तमान के आईने को अनुभव के पत्थरों से तोड़ती और उन्ही किरचों को चुन उन्हें शब्दरूप देना मेरा परिचय है।
सारांश
M.sc. L.L.B. हूँ ।शब्दों से खेलना पसंद करती हूँ । अतीत और वर्तमान के आईने को अनुभव के पत्थरों से तोड़ती और उन्ही किरचों को चुन उन्हें शब्दरूप देना मेरा परिचय है।
रिपोर्ट की समस्या
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