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"बढ़ाए पुत्र पिता के धर्मा"

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बढ़ाए पुत्र पिता के धर्मा – इस कहावत का अर्थ है कि एक पुत्र अपने पिता के अच्छे कार्यों, मूल्यों और धर्म को आगे बढ़ाकर उनके नाम को और ऊँचा करता है। नीचे एक ऐसी कहानी प्रस्तुत है जो इस कहावत को ...

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लेखक के बारे में
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krishnakant shukla

मै ना ही कोई लेखक हूं और ना ही कोई कवि । मात्र लाकडाऊन के चलते खाली समय का सदुपयोग करते हुए कुछ सच घटनाए लिख रहे है । भाषाई त्रुटियो और प्रवाह तथा शैली की कसौटी पर ना कसते हुए ही देखिए ।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    01 जून 2025
    बहुत ही सुंदर और प्रेरणादायक कथा
  • author
    Bobby Naag
    06 जून 2025
    good
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    01 जून 2025
    बहुत ही सुंदर और प्रेरणादायक कथा
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    Bobby Naag
    06 जून 2025
    good