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बदन की ख़ुशबू- इस्मत चुग़ताई

4.8
127

कमरे की नीम-तारीक फ़िज़ा में ऐसा महसूस हुआ जैसे एक मौहूम साया आहिस्ता-आहिस्ता दबे-पाँव छम्मन मियाँ की मसहरी की तरफ़ बढ़ रहा है। ...

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लेखक के बारे में
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Gaurov PS Chauhan

मेरे प्रोफाइल पेज पर आपका स्वागत है।। हम प्रोफेशनल लेखक नहीं हैं सिर्फ शौकिया ही लिखते हैं।। मेरी 3 कहानियाँ अभी अधूरी हैं अब उन्हें पूरा करना ही एकमात्र उद्देश्य है।। आप सब जो भी नए लोग जुड़ रहे हैं उन सभी भाई बहनों को अनंत शुभकामनाएं लेखन के क्षेत्र में।। बस जुड़े रहें।।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Manoranjan kumar Singh
    30 अक्टूबर 2021
    वाह क्या बात है चौहान साहब... बहुत सुंदर.... 🙏🌹🌹🙏
  • author
    Salma Khan
    10 जून 2022
    बेहतरीन
  • author
    Dudheswer Pandey
    31 अक्टूबर 2021
    बहुत बढिया
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Manoranjan kumar Singh
    30 अक्टूबर 2021
    वाह क्या बात है चौहान साहब... बहुत सुंदर.... 🙏🌹🌹🙏
  • author
    Salma Khan
    10 जून 2022
    बेहतरीन
  • author
    Dudheswer Pandey
    31 अक्टूबर 2021
    बहुत बढिया