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बदलते मायने

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हाँ मैं रंडी हूँ  हाँ मैं रंडी हूँ क्योंकि मैंने तोड़ी है अपनी चुप्पी तुम्हारे सामने क्योंकि नहीं सही मैंने तुम्हारे अत्याचार चुपचाप अपने आत्मसम्मान पर चोट नहीं खाई और ...

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लेखक के बारे में
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Samiksha Pandey

मैं सिर्फ पाठक हूँ मुझे कविताएँ, कहानियाँ सम्मोहित करतीं हैं , उन्हें पढ़ती हूँ और जीती हूँ उन किरदारों को जो आप ने गढ़े हैं

समीक्षा
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    Balvindar singh Waraich
    16 ऑगस्ट 2020
    very nice
  • author
    30 ऑक्टोबर 2018
    कटु सत्य!
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    Balvindar singh Waraich
    16 ऑगस्ट 2020
    very nice
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    30 ऑक्टोबर 2018
    कटु सत्य!