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बादलों के पार

4.6
16932

सुबह से हो रही हल्की हल्की बूँदा बाँदी ने तेज बारिश का रूप ले लिया था। बारिश की आवाज से शेखर की नींद खुल गयी। कुछ देर वो बिस्तर पर यूँ ही अलसाया सा लेटा रहा। थोड़ी देर बाद उठा, उसने किचन में जाकर ...

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लेखक के बारे में

कहानी संग्रह "मनकही" और बाल कहानी संग्रह "बुद्धिमान चीकू नीकू और अन्य कहानियाँ" की लेखिका

समीक्षा
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  • author
    Shivam Sharma
    07 ആഗസ്റ്റ്‌ 2018
    great
  • author
    Deepak Kumar
    12 ആഗസ്റ്റ്‌ 2018
    aatyant khoobsurat.......aapka bahut bahut Sukriya iss khoobsurat kahani ke liye.......
  • author
    31 ജൂലൈ 2018
    बहुत खूबसूरत , शब्द नही कहने को , आँसू के साथ खुशी भी हुई पढ़ के , सच्चा प्रेम इसी को कहते है शायद
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    Shivam Sharma
    07 ആഗസ്റ്റ്‌ 2018
    great
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    Deepak Kumar
    12 ആഗസ്റ്റ്‌ 2018
    aatyant khoobsurat.......aapka bahut bahut Sukriya iss khoobsurat kahani ke liye.......
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    31 ജൂലൈ 2018
    बहुत खूबसूरत , शब्द नही कहने को , आँसू के साथ खुशी भी हुई पढ़ के , सच्चा प्रेम इसी को कहते है शायद