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बदला

4.4
2491

श्रेया छुट्टियों में बच्चो संग आज मायके रहने जा रही है, गाड़ी में बैठने के बाद से ही मायके जाने की ख़ुशी से ज्यादा माँ की दर्दभरी आवाज़े श्रेया के कानो में गूंजती रही । पिता की बद से बदतर होती स्थिति की ...

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लेखक के बारे में
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नेहा नाहटा
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    राजेश ओझा
    27 अक्टूबर 2018
    अत्यंत सहजता से भावनात्मक सृजन.. बधाई
  • author
    Dev Malya
    26 अगस्त 2021
    Nice story.. 👌👌loved reading
  • author
    suvidha gupta
    23 अगस्त 2020
    बहुत सुंदर रचना। दिल को छू गई 👏👏
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    राजेश ओझा
    27 अक्टूबर 2018
    अत्यंत सहजता से भावनात्मक सृजन.. बधाई
  • author
    Dev Malya
    26 अगस्त 2021
    Nice story.. 👌👌loved reading
  • author
    suvidha gupta
    23 अगस्त 2020
    बहुत सुंदर रचना। दिल को छू गई 👏👏