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🌥️🌥️बादल से भरा आसमान

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बादल से भरा आसमान रोता है , जैसे मेरा दिल तेरे बिना रोता है । 🌥️🌥️ हर कोना तेरी याद से भीग गया है, मौसम भी तन्हा - तन्हा सोता रहा है । 🌥️🌥️ तेरे बिना सब कुछ अधूरा सा लगता है , हर पल कोई ख्वाब ...

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लेखक के बारे में
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Divya Divylata

जन्मभूमि जमालपुर मुंगेर बिहार कर्मभूमि गाजियाबाद उत्तर प्रदेश , मैं एक वर्किंग वुमन और हाउस वाइफ भी हूं। मेरी उन्नीस साल की बेटी जब ब्रेन डेड हो गई तब मैंने उनकी सारे अंग एम्स अस्पताल दिल्ली में दान कर दिए, जिस वजह से मुझे अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया ने सम्मानित किया। मैंने अपनी बेटी को बचाने के लिए मकान दुकान और जेवर बेच दिये। छः साल ईलाज कराने के बाद भी बिटिया नहीं बच पायी । मैं अपनी आंसुओं को किसी को नहीं दिखाती। मैं अपनी दर्द को कविता और ग़ज़ल के रूप में लिखतीं हूं। प्लीज आप मेरा साथ दिजिए, और मुझे फालो किजिए।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    kanhaiya khatri (. K. K .)
    26 मई 2025
    वाह लाजवाब पंक्तियां आपकी 👌👌👌👌👌👌👌👌👌
  • author
    Shambhunath Shukla
    26 मई 2025
    बिरहन आग जले जल क्या रे, तूं तृप्ति अब क्या दे सकता, हम जलते अंगारे । बिरह न आग जले जल क्या रे ,,,,,,
  • author
    KAJAL Chaudhary "Miss Chaudhary"
    26 मई 2025
    ये यादें बहुत ही बुरी चीज होती है, किसी को सुकून से जीने ही नहीं देती है।
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    kanhaiya khatri (. K. K .)
    26 मई 2025
    वाह लाजवाब पंक्तियां आपकी 👌👌👌👌👌👌👌👌👌
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    Shambhunath Shukla
    26 मई 2025
    बिरहन आग जले जल क्या रे, तूं तृप्ति अब क्या दे सकता, हम जलते अंगारे । बिरह न आग जले जल क्या रे ,,,,,,
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    KAJAL Chaudhary "Miss Chaudhary"
    26 मई 2025
    ये यादें बहुत ही बुरी चीज होती है, किसी को सुकून से जीने ही नहीं देती है।