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बदकिस्मती

4.1
3585

एक ऋषि का आश्रम । ऋषि बैठकर भगवान शंकर के शिवलिंग के पूजन में पूरी तरह ध्यान लगाये हैं। तभी एक दस बारह वर्ष का एक लड़का वहां आता है।उसी समय बहुत तेज आंधी चलने लगती है । ऋषि के पूजन में व्यवधान न ...

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लेखक के बारे में
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Saroj Singh

अपने विषय में क्या लिखूँ, प्रतिलिपि ने मौका दिया, लेखनी चली और मैं लेखिका बन गई 🥰 यह प्रतिलिपि के कारण ही संभव हो सका! मैंने इतिहास विषय में अॉनर्स किया है और मैं एक गृहणी हूँ! पढ़ने लिखने में तो रूचि हमेशा से रही है! लेकिन लेखनी को मंच तो प्रतिलिपि ने ही प्रदान किया! धन्यवाद प्रतिलिपि और धन्यवाद सभी पाठक गणों का जिनकी समीक्षाएं लिखने का हौसला प्रदान करती है! 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    11 ஜனவரி 2021
    कर्ण ने अपना विद्यार्थी धर्म बहुत अच्छे से निभाया था, एक गुरु को कभी भी अपने शिष्य में फर्क नहीं करना चाहिए, भगवान परशुराम को उसका क्षत्रिय होना तो दिख गया लेकिन उनकी गुरु भक्ति नहीं दिखी😢😢
  • author
    Akshay Bharti
    25 மே 2019
    कर्ण को परशुराम राम ने शाप दिया था, लेकिन जबकि कर्ण ने संपूर्ण विद्या प्राप्त कर ली थी। ईसके बाद ही शापित हुआ था
  • author
    Gulshan Mahavar Glm
    23 ஜூன் 2021
    एक गूरू को अपने शिष्य से केवल गुरुभक्ति की ज़रूरत होती है और कर्ण में गुरुभक्ति की कोई कमी नहीं थे...वे परशुराम भगवान जी को श्रद्धा के साथ पूजते हुए विद्या लिए थे...यहा परशुराम जी को उनकी गुरुभक्ति देखनी चाहिए थी ना की जात पात...लेकिन हम तो इंसान है भगवान की लीला वे ही जाने...प्रणिपात...🙏एक अच्छे कार्य के लिए...
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    11 ஜனவரி 2021
    कर्ण ने अपना विद्यार्थी धर्म बहुत अच्छे से निभाया था, एक गुरु को कभी भी अपने शिष्य में फर्क नहीं करना चाहिए, भगवान परशुराम को उसका क्षत्रिय होना तो दिख गया लेकिन उनकी गुरु भक्ति नहीं दिखी😢😢
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    Akshay Bharti
    25 மே 2019
    कर्ण को परशुराम राम ने शाप दिया था, लेकिन जबकि कर्ण ने संपूर्ण विद्या प्राप्त कर ली थी। ईसके बाद ही शापित हुआ था
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    Gulshan Mahavar Glm
    23 ஜூன் 2021
    एक गूरू को अपने शिष्य से केवल गुरुभक्ति की ज़रूरत होती है और कर्ण में गुरुभक्ति की कोई कमी नहीं थे...वे परशुराम भगवान जी को श्रद्धा के साथ पूजते हुए विद्या लिए थे...यहा परशुराम जी को उनकी गुरुभक्ति देखनी चाहिए थी ना की जात पात...लेकिन हम तो इंसान है भगवान की लीला वे ही जाने...प्रणिपात...🙏एक अच्छे कार्य के लिए...