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बचपन वाली क्रिकेट

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❤️❤️❤️❤️ 🤗🤗🤗🤗 रबर कि बोल थी कच्चा था बैट फिर भी बड़ी मजेदार थी वो बचपन वाली क्रिकेट जिसका बैट होगा वो खेलेगा दो बार घर में जो बोल मारेगा वो हो जाएगा बहार रोज तीन घंटे खेलते थे छुट्टी को ...

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लेखक के बारे में
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Devendra

A Man with soft heart ❣️ TEACHER मार्गदर्शक,व्यक्तित्व,प्रेरणा, दोस्त, ईश्वर, जीवन ,चाह सबकुछ -श्री कृष्ण From - Rajasthan मायड़ भाषा मारवाड़ी Desi 💪 WRITER BY PASSION 📝 SPORTS LOVER ⚽⛹️‍♂️ "हमने कब चाहा कि वो शक्स हमारा हो जाये, बस इतना दिख जाएगा, कि आँखों का गुज़रा हो जाए।” भरी बरसात में उड़ के दिखा ए माहिर परिंदे आसमान खुला हो तो तिनके भी सफर किया करते है

समीक्षा
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  • author
    Raj kumar prajapati "( Raj )"
    03 जुलाई 2020
    बचपन की सुनहरी यादें,,,,,,,,,कोई लौटा दे,, मेरे बीते हुए दिन को,,,
  • author
    Aarti Yadav "Yaduvanshi"
    03 जुलाई 2020
    बहुत खूब, बचपन की योदों पर बहुत ही बढ़िया प्रस्तुति की है
  • author
    03 जुलाई 2020
    बहुत बहुत सुन्दर प्रस्तुति 👌👌👌
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    Raj kumar prajapati "( Raj )"
    03 जुलाई 2020
    बचपन की सुनहरी यादें,,,,,,,,,कोई लौटा दे,, मेरे बीते हुए दिन को,,,
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    Aarti Yadav "Yaduvanshi"
    03 जुलाई 2020
    बहुत खूब, बचपन की योदों पर बहुत ही बढ़िया प्रस्तुति की है
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    03 जुलाई 2020
    बहुत बहुत सुन्दर प्रस्तुति 👌👌👌