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बचपन में सुनी कहानी थी

4.8
70

बचपन में कथा कहानियों के सम्मोहन से बिरला ही कोई बचा होगा । कौन ऐसा बचपन है जिसकी आँखों की नींद नहीं उड़ी है, क़िस्से कहानियाँ सुनने में । बाल्यावस्था में दादी-नानी, माँ-दीदी की गोद में या बग़ल ...

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लेखक के बारे में

मैं दिमाग़ से टेक्नोक्रेट हूँ और हृदय से मसिजीवी हूँ । भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से सेवानिवृत्त होकर सम्प्रति लखनऊ में निवास कर रहा हूं। मैं प्रतिलिपि पर लगभग जून 2021 से आया हूं। मैंने अनेकानेक विषयों पर कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं और जैसे-जैसे समय उपलब्ध होता है, लिखता रहता हूं। ऐसी टिप्पणी है कि मेरी लेखन शैली मुंशी प्रेमचंद जी की कथा शैली से प्रभावित प्रतीत होती है । जीवन के अनुभवों को साहित्य की विभिन्न विधाओं के माध्यम से कागद पर उकेरा करता हूं। कुछ कविताएं एवं कहानी संग्रह छपे भी हैं।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Kamlesh Patni
    13 जुलाई 2021
    यह कहानी हम सब ने बचपन में सुनी पढ़ी है ।नैतिक शिक्षाप्रद कहानियां बहुत सुनाई जाती थी उस समय ।वे ही चरित्र निर्माण में सहायक सिद्ध होती थी।
  • author
    Asha Shukla ""Asha""
    08 जुलाई 2021
    बहुत अच्छी कहानी,,,,सुल्ताना डाकू ने भी यही किया था।
  • author
    Santosh Bharti
    27 जून 2021
    excellent story
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  • author
    Kamlesh Patni
    13 जुलाई 2021
    यह कहानी हम सब ने बचपन में सुनी पढ़ी है ।नैतिक शिक्षाप्रद कहानियां बहुत सुनाई जाती थी उस समय ।वे ही चरित्र निर्माण में सहायक सिद्ध होती थी।
  • author
    Asha Shukla ""Asha""
    08 जुलाई 2021
    बहुत अच्छी कहानी,,,,सुल्ताना डाकू ने भी यही किया था।
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    Santosh Bharti
    27 जून 2021
    excellent story