ढ़ल जाती है हर चीज वक्त के साथ उम्र के ढ़लते पड़ाव पर एक बचपन ही है जो कभी बूढ़ा नहीं होता ...बचपन के खेल उनके मेल मिलाप दोस्त उनकी बातें और मुलाकातें साथ बिताए समय की यादें एक चित्रपट की तरह आज ...
मैं बैंक ऑफ इंडिया से मार्केटिंग प्रमुख के पद से आंचलिक कार्यालय भोपाल से सेवा निवृत्त हूं ! बैंक सेवाओं के दौरान लेख , लघु एवं प्रेरक कथाएं , हास्य चुटकुले जोक आदि लिखता रहा हूं जो प्रकाशित भी हुए है ! कई उच्च स्तरीय बैंकिंग एवं अन्य प्रतियोगिता में पुरस्कृत हुआ हूं ! वर्ष 2010 में मेरे एक लेख ' मार्केटिंग की पाठशाला ' को ए बी सी आई द्वारा सृजन लेखन हेतु पुरस्कृत किया गया है !
सारांश
मैं बैंक ऑफ इंडिया से मार्केटिंग प्रमुख के पद से आंचलिक कार्यालय भोपाल से सेवा निवृत्त हूं ! बैंक सेवाओं के दौरान लेख , लघु एवं प्रेरक कथाएं , हास्य चुटकुले जोक आदि लिखता रहा हूं जो प्रकाशित भी हुए है ! कई उच्च स्तरीय बैंकिंग एवं अन्य प्रतियोगिता में पुरस्कृत हुआ हूं ! वर्ष 2010 में मेरे एक लेख ' मार्केटिंग की पाठशाला ' को ए बी सी आई द्वारा सृजन लेखन हेतु पुरस्कृत किया गया है !
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या