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बचपन और बरसात

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बचपन और बरसात आज जब घने बादल छाये, मोर पीहूँ पीहूँ गायें, बच्चे जोर शोर से चिल्लाएं, मुझे वो पुराने दिन फिर याद आये । बचपन की भूली यादें देखो फिर याद आयी हैं ; आज कई दिनों बाद फिर लौटकर बरसात आई है । ...

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लेखक के बारे में
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गौरव शर्मा

लिखता हूं जज्बात अपने...आप पर है कि आप कितना समझते हैं । मेरे और लेख पढ़ने के लिए आप मेरी blogsite देख सकते हैं । gauravkibebakray.blogspot.com

समीक्षा
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  • author
    yash sharma
    31 मई 2020
    Bachpan me hum bhi bilkul aise hi krte the...aap bahut achha likhte hain...aapki poems daily padhne ka man krta h
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    yash sharma
    31 मई 2020
    Bachpan me hum bhi bilkul aise hi krte the...aap bahut achha likhte hain...aapki poems daily padhne ka man krta h