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बात सीरत की..

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बात तो सीरत की बहुत करते हो तुम मोहन.. मगर क्यों सूरत देखकर ही आगे बढ़ते हो तुम.. ...

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लेखक के बारे में
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मोह.. न

🌹खरी खरी कहता हूँ.. इसीलिए तन्हा रहता हूं..🌹

समीक्षा
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  • author
    25 अप्रैल 2023
    जी.. बिल्कुल सही कहा आपने सर,,,, आज़कल अधिकतर लोग सूरत को ही महत्व देते हैं... सीरत को नहीं... ये नहीं सोचा जाता कि... सूरत तो एक न एक दिन ख़त्म ही हो जाएगी.... लेक़िन सूरत ज़िन्दगी भर इंसान के साथ रहती है।
  • author
    S G Murthy
    26 अप्रैल 2023
    सही बात है 👌👍👌
  • author
    neha sharma
    25 अप्रैल 2023
    बहुत सुंदर रचना
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    25 अप्रैल 2023
    जी.. बिल्कुल सही कहा आपने सर,,,, आज़कल अधिकतर लोग सूरत को ही महत्व देते हैं... सीरत को नहीं... ये नहीं सोचा जाता कि... सूरत तो एक न एक दिन ख़त्म ही हो जाएगी.... लेक़िन सूरत ज़िन्दगी भर इंसान के साथ रहती है।
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    S G Murthy
    26 अप्रैल 2023
    सही बात है 👌👍👌
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    neha sharma
    25 अप्रैल 2023
    बहुत सुंदर रचना