pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

बाप बड़ा ना भैया, सबसे बड़ा रुपैया।

5
61

"शकुन! आज मुझे सुबह से हल्के हल्के चक्कर आ रहे हैं। मुझे नाश्ते के लिए मत उठाना। मैं सोने जा रहा हूँ।" चाय पीते समय सत्यनारायणजी ने सिर पकड़ते हुए धीमे से कहा। शकुनजी ने तुरंत ही उनका बी.पी. मापा जो ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Ratna Raidani
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Mugdha
    23 ऑगस्ट 2022
    sach kaha aapne bade dhoke Hain is raah mein👌👌
  • author
    Savita Basal
    24 ऑगस्ट 2022
    समाज का यही सत्य है
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Mugdha
    23 ऑगस्ट 2022
    sach kaha aapne bade dhoke Hain is raah mein👌👌
  • author
    Savita Basal
    24 ऑगस्ट 2022
    समाज का यही सत्य है