pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

बाजारवाद: क्या अपरिहार्यता का टूटेगा मिथक

5
46

“बाजार की सत्ता सर्वोपरि है।“ वर्तमान युवा पीढ़ी ने जिस युग में जन्म लिया है उसमें इस प्रकार के कथन शाश्वत एवं अकाट्य, स्वयं सिद्ध सत्य का दर्जा रखते हैं। समाजवाद की बहुचर्चित पराजय के उपरांत ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

डॉ राजू पाण्डेय जन्म- 3 मई 1971 शिक्षा- पीएच.डी अंग्रेजी साहित्य, एम. एड. साहित्यिक यात्रा- छायावाद के प्रवर्तक पद्मश्री स्व. मुकुटधर पाण्डेय, साहित्य वाचस्पति एवं पुरातत्वविद स्व. लोचन प्रसाद पाण्डेय तथा छत्तीसगढ़ी के प्रथम उपन्यासकार स्व. बंशीधर पाण्डेय के परिवार से संबद्ध। मात्र 5 वर्ष की आयु से हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध विद्वान पिता ईश्वर शरण पाण्डेय के मार्गदर्शन में काव्य रचना का प्रारंभ। सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार।1980 के दशक में देश की लगभग सभी प्रमुख बाल पत्रिकाओं तथा समाचार पत्रों में बाल कविताएं एवं कहानियां प्रकाशित। सुप्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर के मार्गदर्शन में "गंगा" पत्रिका के बाल पृष्ठ के सहायक संपादक। छत्तीसगढ़ी के प्रथम उपन्यास "हीरू के कहिनी" के पुनर्जीवन तथा पुनर्प्रतिष्ठा में योगदान। उक्त पुस्तक छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री श्री अजीत जोगी द्वारा विमोचित एवं समस्त छत्तीसगढ़ी साहित्यकारों द्वारा समीक्षित। शोध ग्रंथ "बालपुर के पाण्डेय बंधु" में संपादन सहयोग।पुस्तक का विमोचन छत्तीसगढ़ के तत्कालीन राज्यपाल श्री के. एम सेठ द्वारा राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चक्रधर समारोह में। प्रख्यात बुद्धिजीवी, साहित्यकार एवं राजनीतिज्ञ श्री अजीत जोगी से व्यक्तिगत पारिवारिक संबंध। श्रीअजीत जोगी के राजनीतिक चिंतन पर केंद्रित शोध ग्रंथ "अजीत जोगी : राजनेता ही नहीं राजनैतिक चिंतक भी" का लेखन। उक्त पुस्तक बहुचर्चित एवं बहुप्रशंसित हुई। "एमिली डिकिन्संस लव पोएम्स : ए क्रिटिकल स्टडी इन कंपैरिजन विथ डिवोशनल लव सांग्स ऑफ मीराबाई" विषय पर ऐतिहासिक शोध ग्रंथ।विश्व स्तर पर चर्चित एवं प्रशंसित। साहित्य समीक्षा के क्षेत्र में भी कार्य। छत्तीसगढ़ राज्य हिंदी ग्रंथ अकादमी के साथ अनुबंध आधारित "पंडित लोचन प्रसाद पाण्डेय की चयनित रचनाएं" में संपादन सहयोग। डाक टिकट संग्रहण पर लघु शोध ग्रन्थ "फिलाटेली: एक परिचय" की रचना। उक्त ग्रन्थ फिलाटेलिस्टों में अत्यंत लोकप्रिय। वर्तमान में सम-सामयिक एवं गूढ़ सामाजिक, आर्थिक,राजनीतिक एवं दार्शनिक विषयों पर स्वतंत्र लेखन। मौलिक चिंतक। जटिल प्रश्नों के व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत करने की क्षमता के कारण अपना एक विशिष्ट पाठक वर्ग बनाने में सफल। देश और प्रदेश के समाचार पत्रों में आलेखों और टिप्पणियों का प्रकाशन। सोशल मीडिया में निरंतर सक्रिय एवं लोकप्रिय। संपर्क- हंडी चौक,सेंट्रल बैंक के सामने,गायत्री मंदिर के पास,रायगढ़ छ ग 496001 मोबाइल - 09826406528, 08871206528 ईमेल- [email protected] ब्लॉग एड्रेस -gahanvishleshan.blogspot.in ब्लॉग नेम- विश्लेषण

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Himanshi Singh
    10 अगस्त 2020
    I have read your poetry, you are truly a great writer. We would like to give you a chance on behalf of our publication house.if u interested then ping me fast.
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Himanshi Singh
    10 अगस्त 2020
    I have read your poetry, you are truly a great writer. We would like to give you a chance on behalf of our publication house.if u interested then ping me fast.