इस बागीचे में रात के साढ़े तीन बजे दो चीखें हवा को चीरती हुए, सन्नाटे को बेधती हुई हर अमावश्या की रात के ठीक पहले वाली रात सुनाई देती है । एक चीख लम्बे - लम्बे घास से सरसराती हुई बागीचे के उत्तर ...
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