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आए थे हरि भजन को ओटन लगे कपास

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धन्यवाद अनुरोध के लिए। कल की ही घटना बताती हूं, सुबह सामने के ऊपर वाले फ्लैट की दोनो बाजुओं की महिलाओ मे बहस हो रही थी, शोर बहुत ज्यादा था, तो मै भी बाहर निकल कर देखने लगी, बहस अब झगड़ा में बदल ...

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लेखक के बारे में
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krishnakant shukla

मै ना ही कोई लेखक हूं और ना ही कोई कवि । मात्र लाकडाऊन के चलते खाली समय का सदुपयोग करते हुए कुछ सच घटनाए लिख रहे है । भाषाई त्रुटियो और प्रवाह तथा शैली की कसौटी पर ना कसते हुए ही देखिए ।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    05 दिसम्बर 2022
    ✍️🙏😇🎺👏🎵💗🎵👏🎺😇🙏💝💘
  • author
    shashi kala
    27 फ़रवरी 2023
    सत्य लिखा।
  • author
    Vinita Shukla
    03 दिसम्बर 2022
    sahi likha
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    05 दिसम्बर 2022
    ✍️🙏😇🎺👏🎵💗🎵👏🎺😇🙏💝💘
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    shashi kala
    27 फ़रवरी 2023
    सत्य लिखा।
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    Vinita Shukla
    03 दिसम्बर 2022
    sahi likha