ये कहानी और कविताएं नहीं बल्कि घटनाएं है जो मै जीती हूं।
सम्पूर्ण धारावाहिक रचनाएं:
'खुदकुशी ', ' नरसिम्हा ', ' ये कहां आ गए हम ' कहानी खत्म हो चुकी है आप पढ़ सकते है।
फिलहाल ' अमीन चाचा ' के आगे का भाग रुका हुआ है जिसके लिए क्षमा चाहती हूं। अगस्त में पूरी हो जाएगी।
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