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‘अलका एडवर्टाइजर्स’ की मालकिन अलका अग्निहोत्री की कहानी बड़ी अजीब है... वह दिल्ली के एक संपन्न, शिक्षित और प्रगतिशील विचारों वाले पंजाबी परिवार की लड़की थी। दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज में बी.ए. ...

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लेखक के बारे में
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Beena Awasthi
    26 ஏப்ரல் 2019
    बहुत बढ़िया कहानी। कहते हैं कि चलते चलते गिर पड़ना बड़ी बात नहीं है लेकिन गिरने के बाद दुगुने उत्साह से आगे बढ़ना सबसे बड़ी बात है।
  • author
    Mamta Upadhyay
    16 ஏப்ரல் 2019
    बेहतरीन रचना👌👌
  • author
    Manisha Jha
    11 ஜூலை 2016
    बहुत ही रोचक और ताज़गी से भरी कहानी है। आपकी सभी रचनाओं की तरह जबरदस्त। आधुनिक दौर की समस्याओं का सामना करती हुई आमफ़हम लड़की का जुझारूपन दीखता है। जो उसमे कुछ पल के लिए शिथिलता तो लाता है पर वह फिर परिस्थितियों पर काबू पा लेती है।अपनी स्वतंत्रता बनाये रखती है।
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    Beena Awasthi
    26 ஏப்ரல் 2019
    बहुत बढ़िया कहानी। कहते हैं कि चलते चलते गिर पड़ना बड़ी बात नहीं है लेकिन गिरने के बाद दुगुने उत्साह से आगे बढ़ना सबसे बड़ी बात है।
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    Mamta Upadhyay
    16 ஏப்ரல் 2019
    बेहतरीन रचना👌👌
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    Manisha Jha
    11 ஜூலை 2016
    बहुत ही रोचक और ताज़गी से भरी कहानी है। आपकी सभी रचनाओं की तरह जबरदस्त। आधुनिक दौर की समस्याओं का सामना करती हुई आमफ़हम लड़की का जुझारूपन दीखता है। जो उसमे कुछ पल के लिए शिथिलता तो लाता है पर वह फिर परिस्थितियों पर काबू पा लेती है।अपनी स्वतंत्रता बनाये रखती है।