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औरत जात

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तुम हमेशा लीक से हटकर ही चलती हो बिना ये सोचे कि लोग क्या कहते हैं तुम्हारे बारे में, न जाने कितनी उँगलियाँ उठती हैं तुम्हारी ओर, अनगिनत आँखें घूरती नजर आती हैं तुम्हें। कुछ मर्यादाएँ निहित हैं ...

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लेखक के बारे में
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नीलू चौधरी
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Manisha Singh
    10 जनवरी 2020
    absolutely right
  • author
    Rohit patoriya "R. J."
    07 मार्च 2020
    Very nice
  • author
    09 जनवरी 2020
    shandar
  • author
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  • author
    Manisha Singh
    10 जनवरी 2020
    absolutely right
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    Rohit patoriya "R. J."
    07 मार्च 2020
    Very nice
  • author
    09 जनवरी 2020
    shandar