औरत चाहती है, कोई गरम गरम रोटी उसे भी परोसे, बचे रस्से के जगह पनीर भी उसके हिस्से आए, वो भी अच्छे तस्तरी में खाना खाए। जब की बड़ा आश्चर्य है, कि औरत बस इतना ही चाहती है। ...
बहुत सही और क्या खूब लिखा है कि जो औरत चाहती है वो उसके चीखने चिल्लाने या प्यार से मांगने पर भी नहीं मिलता और पुरुषों को वो बिना किसी एफर्ट के मिल जाता है और ये उनके लिए बड़ी बात है भी नहीं, क्योंकि ये तो नॉर्मल है उनके लिए। टेकन फॉर ग्रांटेड। हां लेकिन इस सत्य से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि अपवाद हर जगह है। आज कल बात बस सही इंसान की है चाहे वो स्त्री हो या पुरुष ।
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बहुत सही और क्या खूब लिखा है कि जो औरत चाहती है वो उसके चीखने चिल्लाने या प्यार से मांगने पर भी नहीं मिलता और पुरुषों को वो बिना किसी एफर्ट के मिल जाता है और ये उनके लिए बड़ी बात है भी नहीं, क्योंकि ये तो नॉर्मल है उनके लिए। टेकन फॉर ग्रांटेड। हां लेकिन इस सत्य से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि अपवाद हर जगह है। आज कल बात बस सही इंसान की है चाहे वो स्त्री हो या पुरुष ।
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