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औरत

4.4
10045

औरत जब कुछ ठान लेती है तो सब कुछ सब कर सकती है .आकाश ही उसकी सीमा है . पढ़िए दहेज़ के कारण अयोग्य वर को वरी गई लड़की की जिजीविषा की कहानी ......... ...

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लेखक के बारे में
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वीना सिंह

स्वतंत्र लेखिका प्रकाशन - शोध ग्रंथ - लोक साहित्य, विभिन्न हिंदी पाठ्य पुस्तकें,, व्याकरण कक्षा १-८, 7 साझा काव्य संकलन , 7 साझा लघु कथा संग्रह लेख आदि प्रकाशन- भाषा भारती, नवपल्लव , शब्द सुमन , सिनर्जी ,हरि गंधा, हिमालिनी, जगमगदीप ज्योति, मधु संबोध, साहित्य कलश आदि पत्रिकाओं में प्रकाशित लेख, कहानियाँ, कविताएँ आदि सम्मान- विविन्न संस्थाओं द्वारा साहित्य सेवा व हिंदी सेवा सम्मान आदि.आदर्श राष्ट्रभाषा शिक्षक पुरस्कार, राष्ट्र रत्न सम्मान, श्रेष्ठ लघुकथाकार सम्मान आदि|

समीक्षा
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    23 सितम्बर 2019
    अति सुन्दर प्रस्तुति।। कृपया स्नेह स्वरूप मेरी रचना श्रीदुर्गाचरितमानस पढ़ने का कष्ट करे समीक्षा की प्रतीक्षा सहृदय धन्यवाद जय माता दी
  • author
    Harish Yadav
    04 अप्रैल 2020
    EK AURAT KAA KASOR KYA H KBHI SMJH NHI AAYA.USE APNE GHR M HR BAAT PR TOKA JATA H K DUSRE GHR JANA H.SASURAL M YE KHA JATA H,K DUSRE GHR SE AAI H.KOI JWAAB DE MUJHE K AURAT KAA GHAR KONSA H.KOI JWAAB DE MUJHE
  • author
    balwant sahu
    23 अगस्त 2018
    कितना संघर्ष भरा होता हैं औरत की जिंदगी।। फिर भी सब कुछ सहन कर जीति है ।बहुत ही सुंदर रचना
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    23 सितम्बर 2019
    अति सुन्दर प्रस्तुति।। कृपया स्नेह स्वरूप मेरी रचना श्रीदुर्गाचरितमानस पढ़ने का कष्ट करे समीक्षा की प्रतीक्षा सहृदय धन्यवाद जय माता दी
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    Harish Yadav
    04 अप्रैल 2020
    EK AURAT KAA KASOR KYA H KBHI SMJH NHI AAYA.USE APNE GHR M HR BAAT PR TOKA JATA H K DUSRE GHR JANA H.SASURAL M YE KHA JATA H,K DUSRE GHR SE AAI H.KOI JWAAB DE MUJHE K AURAT KAA GHAR KONSA H.KOI JWAAB DE MUJHE
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    balwant sahu
    23 अगस्त 2018
    कितना संघर्ष भरा होता हैं औरत की जिंदगी।। फिर भी सब कुछ सहन कर जीति है ।बहुत ही सुंदर रचना