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अतृप्त मन की अधूरी इच्छा

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इच्छा हमेशा अधूरी ही रहती है पूरी हो जाए वो इच्छा ही क्या इच्छाएं तृप्त हो जाए किसी की तो वो फिर समाप्ति है हर दिन एक नई इच्छा हम लेकर जागते है और कौशिश करते है कि वो पूर्ण हो जाए जब इच्छा पूरी ...

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लेखक के बारे में
author
bhawna Mohan

गुम है ज़िंदगी खफा खफा सी

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Awadhesh Kumar
    05 दिसम्बर 2022
    बहुत खूब अति सुन्दर, इच्छाओं की पूर्ति करना सम्भव नहीं है, जो मन से सम्बंधित है,पर सन्तुष्टि की पूर्ति सम्भव है जो हृदय से सम्बंधित है |
  • author
    Preeti Bhandari
    05 दिसम्बर 2022
    wa wa lajwab bahut khoob 👍👍😊
  • author
    navneeta chourasia
    05 दिसम्बर 2022
    सुंदर विचारों की प्रस्तुति, 👌👌👌👏👏
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  • author
    Awadhesh Kumar
    05 दिसम्बर 2022
    बहुत खूब अति सुन्दर, इच्छाओं की पूर्ति करना सम्भव नहीं है, जो मन से सम्बंधित है,पर सन्तुष्टि की पूर्ति सम्भव है जो हृदय से सम्बंधित है |
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    Preeti Bhandari
    05 दिसम्बर 2022
    wa wa lajwab bahut khoob 👍👍😊
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    navneeta chourasia
    05 दिसम्बर 2022
    सुंदर विचारों की प्रस्तुति, 👌👌👌👏👏