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आत्मसंवाद

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चलो आज खुद से कुछ गुफ्तगू करे बंद आँखे कर कुछ सवाल खुद से करे होती बाते तो बेहिसाब लोगो से आज कुछेक हिसाब खुद से करे ...

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लेखक के बारे में
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aditya kumar

भावनाओ को शब्दों में पिरो कर एक अर्थ देने का कोशिश है बस....

समीक्षा
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    12 ஜூன் 2020
    आपकी इतनी शानदार लाइन लालसा बढ़ा देती हैं आदित्य... इतनी कंजूसी क्यों 😊😊😊🌹🌹🍫🍫🍫
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    12 ஜூன் 2020
    आपकी इतनी शानदार लाइन लालसा बढ़ा देती हैं आदित्य... इतनी कंजूसी क्यों 😊😊😊🌹🌹🍫🍫🍫