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*आत्मसम्मान* (लघु कथा)

4.4
69

फैक्टरी से साईकिल पर घर आते समय, एक दुर्घटना में नरेश के दोनों हाथ कट जाने पर भी उसने हिम्मत नहीं हारी और सम्मान से जीवनयापन करने का सोच लिया। दोनों कंधों पर थैले और सिर पर ईंटे ...

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लेखक के बारे में
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Neelofar Neelu

एक नवोदित कवयित्री, शायरा और लेखिका। मुझे पुराने क्लासिकल फिल्मी गाने सुनना बहुत अच्छा लगता है। हिंदी, अंग्रेज़ी, पंजाबी और उर्दू भाषाएँ समझती हूँ। लघु कथाएँ, कहानियाँ और उपन्यास पढ़ने का शौक रखती हूँ। फ़ेसबुक मित्रों के कहने पर पिछले कुछ समय से लिखने का भी प्रयास आरम्भ किया है। मेरे 12 सांझा काव्य संग्रह, एक साँझा लघुकथा संग्रह और एक साँझा समीक्षा संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। उर्दू भाषा को बेहद पसंद करती हूँ। मेरी अधिकतर रचनाओं में उर्दू भाषा का समावेश होता है। कुछ रचनाएँ पंजाबी भाषा में भी लिखी हैं। अतुकांत रचनाएँ लिखना मेरा शौक है। मेरी रचनाओं को पढ़कर एक मित्र ने तो इसे "नीलोफ़री विधा" का नाम ही दे दिया है। मेरा पहला एकल काव्य संग्रह "भाव तरंगिनी" प्रकाशित हो चुका है।😊💐

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Neetu Maurya
    11 जुलाई 2021
    जी हां बिल्कुल सही कहा आपने आत्म सम्मान खोकर जीने से तो मर जाना बेहतर है। बहुत ही बढ़िया लघु कथा लिखी है आपने 🌹🌹🙏
  • author
    सोनल रुहान
    11 जुलाई 2021
    वाह बहुत ही सार्थक लघु कथा एक बेहतरीन संदेश के साथ।।
  • author
    Neelima Tiwari
    11 जुलाई 2021
    रचना ज्ञानवर्धक है एवं संवेदनशील है।
  • author
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Neetu Maurya
    11 जुलाई 2021
    जी हां बिल्कुल सही कहा आपने आत्म सम्मान खोकर जीने से तो मर जाना बेहतर है। बहुत ही बढ़िया लघु कथा लिखी है आपने 🌹🌹🙏
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    सोनल रुहान
    11 जुलाई 2021
    वाह बहुत ही सार्थक लघु कथा एक बेहतरीन संदेश के साथ।।
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    Neelima Tiwari
    11 जुलाई 2021
    रचना ज्ञानवर्धक है एवं संवेदनशील है।