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आत्ममंथन

4.8
14

,,आत्म मंथन,, आप और हम,  खुद को लगभग हर तरफ खोजते है. कभी किसी की आंखों की कोर में,और कभी पलते बढ़ते सपनो की जमीं पर.... कभी किसी की प्रतिबिंब रूपी परछाई में, लेकिन हम खुद को नही टटोलते.. खुद ...

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लेखक के बारे में
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Manisha Rajawat

Devgurukulam Vastu.. Astrology...Aura consultancy....

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Jagdish Gajjar
    26 मई 2021
    wah wah very very true line.....bole to excellent 👍👌👌
  • author
    Mrs Patil
    28 मई 2021
    व्वाह बहुत खूब बेहतरीन अभिव्यक्ती
  • author
    26 मई 2021
    इतना गंभीर चिंतन बहुत विचारणीय लेख
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  • author
    Jagdish Gajjar
    26 मई 2021
    wah wah very very true line.....bole to excellent 👍👌👌
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    Mrs Patil
    28 मई 2021
    व्वाह बहुत खूब बेहतरीन अभिव्यक्ती
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    26 मई 2021
    इतना गंभीर चिंतन बहुत विचारणीय लेख