आत्मजा मैं हूं मेरा सर्वस्व एक नया युद्ध लड़ने की तैयारी में लड़ती हूं ,मरती हूं एक सृजनात्मक क्रिया की तरह फिर जन्म लेती हूं एक कोंपल की तरह युग बीते जा रहे हैं और कुछ बीत गए मन भावों की क्रांति की ...
हम अपने विचारों को कहानी का जमा पहनाते है । कोई पढ़ता है तो सोखद अनुभव होता है ।कोई समीक्षा करता है तो मनोबल बढ़ता है । प्रयास रहता है सबका सब कुछ पड़ लूं ।अगर फॉलोअर्स बनाने पड़े तो साहित्य साधना काम हो जाएगी ।लोगों का दर्द बांटती हूं । जिन्हे भाषा से प्रेम है वह अवश्य पड़ेंगे ।नए दोस्त बने तो और अच्छा लगता है ।
प्रतिलिपि को आभार ।जिन्होंने हमको ये धरातल में स्थान दिया ।
सारांश
हम अपने विचारों को कहानी का जमा पहनाते है । कोई पढ़ता है तो सोखद अनुभव होता है ।कोई समीक्षा करता है तो मनोबल बढ़ता है । प्रयास रहता है सबका सब कुछ पड़ लूं ।अगर फॉलोअर्स बनाने पड़े तो साहित्य साधना काम हो जाएगी ।लोगों का दर्द बांटती हूं । जिन्हे भाषा से प्रेम है वह अवश्य पड़ेंगे ।नए दोस्त बने तो और अच्छा लगता है ।
प्रतिलिपि को आभार ।जिन्होंने हमको ये धरातल में स्थान दिया ।
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